Friday, November 1, 2019

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अंबाला का परिचय 

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आम के उपवन के कारण अंबाला प्रसिद्ध है आम की उपज की अधिकता के कारण इसको अंबा के नाम से जाना जाता था

14 वी शताब्दी में अंबा राजपूत के द्वारा अंबाला की स्थापना की गई थी

अंबाला का नाम पढ़ने का दूसरा कारण


यहाँ पर माता अंबा का मंदिर है इसलिए भी इसको अंबाला के नाम से जाना जाता है माता अंबानी और तपस्या की थी

( महाभारत काल में काशीराज की 3 कन्याएं थी अंबा अंबिका अंबालिका भीष्म पितामह ने हस्तिनापुर राजा के संरक्षक और महा सेनापति उन्होंने उन तीनों का हरण कर लिया महाराज की विचित्र और चित्र अंगद के लिए परंतु हस्तिनापुर आने के बाद में पता लगा कि अंबिका किसी और से प्रेम करती है नियम के अनुसार भीष्म पितामह ने सम्मान के सहित उस कुमार के साथ अंबा को भेज दिया परंतु उस कुमार ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया बोला कि तुम्हारा हरण करके भीष्म पितामह लेकर गया था अब मैं तुमसे विवाह नहीं कर सकता फिर अंबा वापस लौटी और उसने भीष्म पितामह से कहा आप मेरी शादी करवाइए फिर विचित्र भी देने में मना कर दिया के अब मैं आपसे शादी नहीं कर सकता बोला कि आप तो किसी और से प्रेम करती थी फिर आखिर में अंबा ने भीष्म पिता से कहा कि आप ही मुझे हरण करके लाए हैं आप ही मुझे से शादी  कीजिए फिर भीष्म पितामह ने कहा कि नहीं मैंने तो प्रतिज्ञा ले रखी है कि मैं शादी नहीं करूंगा फिर वह अपनी प्रार्थना लेकर महान लोगों के पास गई पर भीष्म पितामह उस समय बहुत शक्तिशाली थे पर कोई भी उनका सामना नही कर पाया यहां तक कि भगवान परशुराम जोकि भीष्म पितामह के गुरु थे उनके पास भी अंबा गई और परशुराम और भीष्म पितामह दोनों के बीच युद्ध हुआ तो परशुराम उस युद्ध को हार गए या कहते हैं कि सम्मान रखने के लिए भीष्म पितामह बान चलाने बंद कर दिए थे और प्रणाम कर कर वापस लौट गए थे तो अंबा ने देखा कि संसार में कोई नहीं है कि जो  मेरे अपमान का बदला ले सके फिर अंबा टीले के ऊपर बैठ गई और वहां बैठते उसने भगवान की प्रतीक्षा की और यह वरदान हासिल किया कि अगले जन्म में वह भीष्म पितामह की मृत्यु का कारण बनेगी और बाद में अगले जन्म में सीखंडित के रूप में पैदा हुई जिसकी और लेकर अर्जुन ने भीष्म पितामह का वध किया था जिस टीले पर अंबा ने तपस्या की थी उसी पर अंबा का मंदिर बना हुआ उसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम पड़ गया अंबाला है)


अंबाला जिला कब बनाया गया था

1 नवंबर 1966 को बनाया गया जब हरियाणा का गठन हुआ तभी अंबाला डिस्ट्रिक्ट बनाया गया था उस समय 7 जिले बनाए गए थे उनमें अंबाला भी शामिल है

अंबाला को और किस नाम से जाना जाता है

वैज्ञानिक उपकरण और मिक्सी सिटी अंबाला के अंदर सिलाई मशीन  और मिक्सी  बहुत ज्यादा बनती है इसके अलावा पूरे भारत के 20% के लगभग उपकरण अंबाला में बनते हैं इसलिए अंबाला को वैज्ञानिक उपकरण की नगरी और मिक्सी सिटी के नाम से जाना जाता था





अंबाला के उपमंडल

अंबाला ,अंबाला छावनी ,नारायणगढ़, बराना

अंबाला की तहसील

अंबाला ,अंबाला ,छावनी ,बराना ,नारायणगढ़,

अंबाला की उप तहसील

शाहा ,शहजाद पूरा ,मुलाना

अंबाला छावनी

 हरियाणा में 10 मई 1857 की क्रांति की शुरुआत अंबाला छावनी से हुई थी और अंबाला छावनी से एक व्यक्ति था जिसका नाम राम सिंह था लेकिन एक श्याम सिंह जो था उन्होंने क्रांति के बारे में (विद्रोह के बारे में )अंग्रेजों को बताया था

अंबाला छावनी की अगर बात की जाए तो 1843 से पहले अंबाला छावनी थी वह करनाल में था फिर यमुना नदी में बाढ़ आने के कारण इसको करनाल से उठाकर अंबाला में शिफ्ट कर दिया गया था 1857 की क्रांति का अंबाला में नेतृत्व हुआ था राम सिंह के द्वारा किया गया था और श्याम सिंह के द्वारा विद्रोहियों को बताया गया था

अंबाला और अंबाला छावनी

पहले यह दोनों एक ही नगर निगम की अंडर में आते थे फिर इनको नगर निगम से हटाकर नगर परिषद में शामिल कर दिया गया
हरियाणा में नगर निगम 10 थे
लेकिन अब हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में एक संशोधन पारित किया गया और इसके तहत हरियाणा में अब 9 नगर निगम है

नगर निगम किसको बनाया जाता है ?
तीन लाख से ऊपर जनसंख्या वाले शहर को नगर निगम में शामिल किया जाता है

नगर निगम

पहला नगर निगम फरीदाबाद
आखरी नगर निगम सोनीपत 2015 में नगर निगम बनाया गया था
सबसे छोटा नगर निगम पंचकूला
सबसे बड़ा नगर निगम फरीदाबाद

अंबाला, हिसार, रोहतक ,गुरुग्राम ,पंचकूला, करनाल ,यमुनानगर ,सोनीपत, फरीदाबाद ,पानीपत, यह सभी नगर निगम है लेकिन अब अंबाला को हटा दिया गया अब नगर निगम 9 रहे गए

अंबाला हरियाणा का सबसे ज्यादा वर्षा वाला जिला है और सबसे कम औसत वर्षा वाला जिला सिरसा है

अंबाला में वायु सेना का एयरवेज बना हुआ है

हरियाणा में वायु सेना के दो एयरवेज बने हुए एक अंबाला में और दूसरा सिरसा

अंबाला में एक फूड पारक और औद्योगिक केंद्र की स्थापना की गई है एचएसआईआईडीसी द्वारा अंबाला के साहा में


अंबाला की प्रमुख स्थल


मंजी साहिब गुरुद्वारा

यह सिखों के छठे गुरु से संबंधित है
गुरुद्वारा मंजी साहिब यह हरियाणा में तीन जगह स्थित है पहला अंबानी की दूसरा कैथल में तीसरा रोहतक में
रोहतक वाला गुरुद्वारा लाखन माजरा साहिब और मंजी साहिब गुरुद्वारा दोनों ही नाम से जाना जाता है

महर्षि मारकंडेश्वर

महर्षि मारकंडेश्वर ट्रस्ट यह (अंबाला के मुलाना गांव में है)तरसेम कुमार द्वारा 1993 में स्थापित किया गया था
1995 में यहां पर एक इंजीनियर कॉलेज की स्थापना कर दी गई थी महर्षि मारकंडेश्वर मैं और इसके बाद 2007 महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया गया था यह हरियाणा का पहला सव पोषित विश्वविद्यालय है

नारायणगढ़ 

हिमाचल के साथ तीन डिस्टिक लगती हैं पंचकूला, अंबाला ,यमुनानगर
और हिमाचल के दो डिस्टिक लगते हैं हमारे साथ
 श्री मोर और सोलन

श्री मोर एक जगह है
नारायणगढ़ का उपमंडल अंबाला का श्री मोर के राजा लक्ष्मी नारायण द्वारा बसाया गया था

नायब सिंह सैनी नारायणगढ़ से विधायक है
नायब सिंह सैनी को श्रम एवं रोजगार विभाग दिया गया है

सिरमौर से एक नदी भी निकलती है जिसका नाम है सरस्वती नदी
सरस्वती नदी का उद्गम स्थल का सिरमौर से और हरियाणा में  इसका उद्गम स्थल यमुनानगर के आदिबद्री से माना जाता है

गुरुद्वारा लखनौर साहिब

यह अंबाला जिले के लखनौर नामक गांव में स्थित है यह गुरु गोविंद सिंह का ननिहाल था गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें गुरु थे उनकी माता लखनौर और गांव से संबंधित है इसलिए गुरुद्वारा लखनौर में ही सिथित किया  गया

सेंट पॉल चर्च

सेंट पॉल चर्च यह अर्थ गोली चली में बना हुआ है पहले अंबाला में बहुत ज्यादा मात्रा में अंग्रेज रहते थे

किंगफिशर पर्यटक स्थल

किंगफिशर पर्यटक स्थल अंबाला में स्थित है अंग्रेजों के समय में यह छावनी का इलाका हुआ करता था यहां पर गुडसाल होती थी बाद में  पर्यटक स्थल बना दिया गया और यह किंगफिशर के नाम से जाना जाने लगा

यूरोपियन सीमेट्रि

सिमिट्री का मतलब होता है कब्रिस्तान
जब अंबाला के अंदर अंग्रेज रहते थे तो उसमें उनकी मृत्यु होने के बाद उन्हें दफनाया जाता था उस जगह का नाम यूरोपियन सिमिट्री रखा गया अंबाला के अंदर स्थित है

पक्की सड़कों का घनत्व सर्वाधिक अंबाला में

एक निश्चित जगह के अंदर सबसे ज्यादा सड़कें अंबाला में

नांगल उद्यान सिंचाई परियोजना अंबाला जिले के अंदर है

1857 की शहीदों की याद में अंबाला में एक स्मारक बनाया गया वह 22 एकड़ के अंदर बनाया गया इसको बनाने में लगभग 200 करोड़ के आसपास खर्च किया जाएगा

अंबाला के प्रमुख व्यक्ति 


प्रियंका चोपड़ा



परिणीति चोपड़ा



ओम पुरी 


ओमपुरी बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की ब्रांड अंबेस्टर रह चुकी है जिनका निधन हो चुका है

जूही चावला



चारों अंबाला जिले से संबंधित है और यह फिल्म जगत से जुड़े हुए हैं

भगवती दास

भगवती दास अंबाला से संबंधित थे यह जैन साहित्यकार थे

विशंभर नाथ कौशिक

विशंभर नाथ कौशिक ने दुबे जी की चिट्ठियां व्यंग की भाषा में लिखी थी विशंभर नाथ कौशिक बहुत प्रसिद्ध लेखक है हरियाणा के यह अंबाला जिले से संबंधित है

काशीराम

काशीराम हरियाणा की गदर पार्टी की एक ऐसे नेता थे जिन को 1915 में फांसी की सजा सुनाई गई थी यह भी अंबाला जिले से संबंधित थे



सुचेता कृपलानी

सुचिता कृपलानी यह है भारत की उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थी जो अंबाला जिले से संबंधित थी

जोहरा बाई

जोहरा बाई अंबाला से इन्होंने 1940 से 1950 के बीच में लगभग 1200 गाने गाए हैं और इनका एक महत्वपूर्ण गजल है अखियां मिला रे जिया

नाथूराम गोडसे

नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी की सजा दे दी गई


अंबाला के प्रसिद्ध मेला

वामन द्वादशी मेला
वामन द्वादशी का मेला अंबाला के अंदर लगता है
वामन भगवान विष्णु का एक अवतार है जिन्होंने  द्वितीय राजबली से 3 पग के अंदर धरती की सारी सृष्टि को माप लिया था

तीज का मेला
यह अंबाला जिला के पंजा खेड़ा नाम के गांव में लगता है





Sunday, October 20, 2019

charkhi dadri jile ki sthapna kab hui चरखी दादरी जिले की स्थापना कब हुई

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दादरी का परिचय

charkhi dadri jile ki sthapna kab hui
चरखी दादरी जिले की स्थापना कब हुई
चरखी दादरी की स्थापना
चरखी दादरी की स्थापना कब हुई
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दादरी शब्द दादुर से निकला है
दादुर का अर्थ मेंढक होता है
प्राचीन काल में एक झील थी उसमें बहुत ज्यादा मेंढक रहते थे उन्हीं से इसका नाम दादुर पड़ा जो वर्तमान में दादरी के नाम से जाना जाता है
सन 1958 से पहले चरखी दादरी का नाम डालमिया दादरी था लेकिन सन 1958 में लोकसभा सांसद राम किशन ने इस मुद्दे संसद में उठाया और उनकी यह मांग सफल रही तब इसका नाम बदलकर चरखी दादरी कर दिया गया
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चरखी दादरी के इतिहास

चरखी दादरी को जिला बनाने के लिए हरियाणा सरकार के कृषि मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी जिसके अध्यक्ष कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से चरखी दादरी को अलग से जिला बनाने की घोषणा हरियाणा की मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक रैली के दौरान की गई थी
18 सितंबर 2016 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उसी समय दादरी को जिला बनाने की घोषणा कर दी
लेकिन फिर 18 अक्टूबर 2016 को दादरी भिवानी से अलग करके एक अलग जिले के रूप में जो हरियाणा का 22 वां जिला है दादरी बना दिया गया

सन 1857 में जींद के राजा ने अंग्रेजों की भरपूर मदद की थी इसीलिए 1858 में दादरी को इनाम के रूप में दिया गया इसी कारण 1864 में दादरी के जनता ने राजा के खिलाफ विद्रोह कर दिया था चरखी दादरी हरियाणा के दक्षिण भाग में स्थित है

दादरी को भिवानी की छोटी बहन की कहते हैं


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सीमेंट फैक्ट्री दादरी

सेठ रामकिशन डालमिया ने जर्मनी के इंजीनियरों के सहयोग से  1939 में सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण करवाया था हाल ही में यह फैक्ट्री अभी यह सीसीआई (सीमेंट कॉरपोरेशन इंडिया) के अंडर में है इसका अधिग्रहण 1981 में किया गया

चंद्रावती

Friday, October 18, 2019

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भिवानी का परिचय
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भिवानी डिस्ट्रिक्ट की स्थापना 22 दिसंबर 1972  को हुई


भिवानी का क्षेत्रफल 4778  वर्ग किलोमीटर जो हरियाणा का सबसे बड़ा जिला था

भिवानी से चरखी दादरी हाल ही में अब अलग हो गया है 


भिवानी के उपमंडल 

भिवानी
तोशाम
 शिवानी

भिवानी की तहसील 
Tehsils in Bhiwani District, Haryana

भिवानी
तोशाम
शिवानी
बवानीखेड़ा

भिवानी की उप तहसील

 बोन्द कला
 और बहल है
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भिवानी का पुराना नाम 

भवानी नगर बानी
यह बानी ने बसाया था
भिवानी के पास कोट और उम्र रावत गांव यहां एक व्यक्ति था जिसका नाम था नीम सिंह और उनकी पत्नी का नाम था बानी इनके पिता सिरसा में रहते थे सिरसा से आगे कोर्ट उमरावत गांव में रहते थे फिर नीम सिंह ने अपना  विवाह गांव की ही एक लड़की के कर लिया  इसलिए गांव वालों ने नीम सिंह को और उसकी पत्नी  बीमा को गांव से निकाल दिया गया था फिर इन्होंने एक अलग से नगर बसाया जिसको नाम दिया गया बीमा नगर जिसको वर्तमान में भिवानी के नाम से जानते हैं

भिवानी को हरियाणा की काशी बॉक्सिंग का पावर हाउस मिनी डिब्बा कहा जाता है

हरियाणा की छोटी काशी कैथल को कहा जाता है

तोशाम के महत्वपूर्ण तथ्य

तोशाम का प्राचीन नाम  तूशाम इसको तूसाराम के द्वारा बसाया गया था

* पृथ्वीराज चौहान की कचहरी 

इसको तोशाम की बरादरी भी कहा जाता है यहां 12 द्वार थे कोई भी दवार लकड़ी का नहीं था और इसमें एक गुम्बन्द बना हुआ था जिसके अंदर पृथ्वीराज चौहान बैठता था यहां से पृथ्वीराज चौहान सभी को दिखाई देता था और उसके चारों और जनता बैठती थी जहां पर जनता की समस्या का समाधान होता था इसलिए इसको पृथ्वीराज चौहान की कचहरी कहा जाता है

तोशाम से एक अभिलेख प्राप्त हुआ है जो है विष्णु भगत वह सब गाता द्वारा बनवाए गए तालाबों की जानकारी प्रदान करता है

 
मुंगीपा धाम

तोशाम के नजदीक रीवासा गांव मे है
एक बार गुरु गोरखनाथ और उनकी मां भरथरी को साथ लेकर गए हुए थे और उनकी बहन मुंगीपा वही रही इसलिये मुंगीपा के  नाम से जाना जाता था जो बाद में मुंगीपा धाम के नाम से प्रसिद्ध हुई यंहा पर रेवासा गांव में मुंगीपा धाम का मेला भी लगता है

कैरू भिवानी

 चिंग कारा प्रजनन केंद्र कैरू में है

झाबुआ भिवानी

झाबुआ में मोर व चिंग पारा प्रजनन केंद्र है

भिवानी के पर्यटन स्थल








रेड रोबिन
 भैया
 छोटा चिड़ियाघर
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भिवानी HBSE

हरियाणा बोर्ड स्कूल एजुकेशन इसकी स्थापना 1969 में हुई और इसका हेड ऑफिस चंडीगढ़ में था लेकिन 1981 में इसका मुख्यालय भिवानी में स्थापित कर दिया गयाथा

भिवानी बोर्ड के चेयरमैन जगबीर राठी है


देवसर धाम भिवानी
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देवसर धाम या देवी मेला
देवसर भिवानी जिले का एक गांव है जहां पर देवी मेले का आयोजन किया जाता है बताया जाता है कि यहां पर मां दुर्गा प्रकट हुई थी इसलिए यहां धाम बना दिया गया जिसका नाम देवसर धाम रखा गया

भूतों का मंदिर

यह भूत वंश के सेठों के द्वारा बनवाया गया था

गौरी शंकर मंदिर भिवानी

 यह भी भिवानी का प्रसिद्ध मंदिर

पंचमुखी हनुमान मंदिर

भिवानी में पहले 12 दरवाजे थे इनमें से एक गेट था जिसका नाम था पतराम गेट पतराम गेट के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया था

टेक्सटाइल मिल भिवानी जिसकी स्थापना 1937 में की गई

टेक्सटाइल इंस्टिट्यूट इसकी स्थापना 1943 में हुई

इन दोनों को बिरला ग्रुप द्वारा संचालित किया जाता है


माधव प्रसाद मिश्र

माधव प्रसाद मिश्र भिवानी जिले के कुंगड गांव के रहने वाले थे इसका जन्म 27 सितंबर 1871 को हुआ था
इन्होंने काशी जाकर पंडित विद्याधर के द्वारा शिक्षा ग्रहण की
हरियाणा का पहला कहानीकार माधव प्रसाद मिश्र पहली कहानी लड़की की बहादुरी


माधव प्रसाद जी का निबंध


स्वदेशी आंदोलन
खुली चिट्ठी
कुंभ पर्व

माधव प्रसाद जी की कहानी

लड़की की बहादुरी जापानी मारवाड़ी बड़ा बाजार

माधव प्रसाद द्वारा समाचार पत्र


 1899 सुदर्शन नाम का समाचार पत्र जो कि मासिक था

 1904 वेस्पो कार यह भी मासिक था

माधव प्रसाद की रचनाएं

साड़ी और घाघरा कर्जन की विदाई

माधव प्रसाद का देहांत 1907 में हुआ

पंडित नेकी राम
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खरक केलंगा गांव से पंडित नेकीराम का संबंध
इनका जन्म 4 सितंबर 1887 में इनका जन्म हुआ था

यह 1920 में असहयोग आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े इसके बाद 1925 तक लाला लाजपत राय और मदन मोहन मालवीय  के साथ इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनमें  काम किया और उसके बाद उन्होंने 1930 में एक समाचार पत्र साप्ताहिक पत्र का संपादन किया जिसका नाम संदेश था

पंडित नेकी राम शर्मा के द्वारा हरियाणा के रोहतक में एक कॉलेज की स्थापना भी की गई थी

पंडित नेकी राम को हरियाणा केसरी के नाम से भी जाना जाता है

 हरियाणा संदेश यह 1950 में में सेठ महेश चंद्र द्वारा निकाला गया

 हरियाणा केसरी यह 1958 में प्रकाशित किया गया
 था यह हरियाणा के

 पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता

 द्वारा संपादित किया गया था बनारसी दास गुप्ता हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके है

 ये तीनो समाचार पत्र भिवानी से संपादित किए गए थे

श्रीराम शर्मा को हरियाणा तिलक के नाम से जाना जाता है
यह झज्जर से बिलॉन्ग करता है किसका जन्म 1899 में जन्म और 1989 में उनकी मृत्यु हुई और उसकी दो पुस्तके हैं हरियाणा का इतिहास और दूसरी है हरियाणा नवरत्न

चौधरी बंसीलाल

चौधरी बंसीलाल का जन्म 26 अगस्त 1927 को भिवानी के एक गांव गोलागढ़ में हुआ था
चौधरी बंसीलाल हरियाणा की तीन बार सीएम रह चुके हैं पहली बार 1968 से 1972 दूसरी बार 1972 से 1975 और तीसरी बार 1996 से 1999 तक रहे
चौधरी बंसीलाल 5 बार विधायक रह चुके हैं दो बार राज्यसभा सदस्य तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुके
चौधरी बंसीलाल 1976 1975 में रक्षा मंत्री रहे
चौधरी बंसीलाल 1984 1985 में रेल मंत्री रहे
चौधरी बंसीलाल के नाम से भिवानी में 2014 में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी
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विजेंद्र सिंह

विजेंद्र सिंह हरियाणा के बॉक्सिंग के खिलाड़ी रह चुके हैं विजेंद्र सिंह का जन्म 1985 भिवानी के कालू वास गांव में हुआ था
2008 ओलंपिक बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक प्राप्त किया था और उसके बाद यह हरियाणा में डीएसपी के पद पर नियुक्त किए गए थे लेकिन अब वह प्रोफेशनल बॉक्सिंग के रूप में अपना काम कर रहे हैं और डीएसपी के पद को उन्होंने त्यागपत्र दे दिया थ

हरियाणा में पर्यावरण शोध समिति 

का गठन चरखी दादरी में 1992 में किया गया था और सरवन सिंह के नेतृत्व में किया गया उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह से थे मास्टर हुकम सिंह कुछ दिन के लिए हरियाणा के सीएम भी नियुक्त किए गए थे जब 1991 में महम जो कांड हुआ था यानी देवीलाल को प्रधानमंत्री बना दिया गया ओम प्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा था तो उस समय मास्टर हुकम सिंह जो चरखी दादरी से संबंध रखते हैं वह उसे मुख्यमंत्री बना दिया गया था





Saturday, October 12, 2019

karnal ki history in hindi, karnal full story

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करनाल का परिचय



करनाल जिले की स्थापना जब हमारा हरियाणा बना उस समय 7 जिले थे करनाल  भी था

हरियाणा के गठन के समय 7 जिले

माइकल जैक्सन का घर

M J K G H A R
M महेंद्रगढ़, J जींद, K करनाल , G गुरुग्राम , H हिसार, A अम्बाला, R रोहतक 

करनाल की स्थापना 

1 नवम्बर 1966 को हुई 

करनाल का पुराना नाम

करनाले
पुरातन काल मे इसको करनाले कहा जाता था

क्यो कहा जाता था

क्योंकि करनाल की स्थापना कर्ण ने की

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कर्ण कौन था
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कर्ण महाभारत का एक पात्र जो कुंती का पुत्र था कर्ण को दानवीर के नाम से जानते है करनाल को कर्ण की नगरी करनाले आदि नामो से जानते थे इसके साथ साथ करनाल को एक ओर नाम से जानते है धान का कटोरा क्योंकि हरियाणा में सबसे ज्यादा धान करनाल में होती है इसलिए

 इसको धान का कटोरा कहते है
Karnal ka purana naam dhan ka ktora

करनाले, धान का कटोरा, कर्ण नगरी, रिसर्च सिटी, ये सभी करनाल के पुराने नाम है




करनाल का क्षेत्रफल

2520 वर्ग km है

हरियाणा में करनाल की सिथिति

हरियाणा की पूर्वी सिमा पर सिथित है

करनाल की सीमा पार लगने वाला राज्य

करनाल की सीमा उत्तरपर्देश को छूती है

करनाल की सीमा को छूने वाले जिले
Karnal ki sima ko chhune wale jile

जींद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर ,पानीपत, कैथल।

करनाल का लिगांनुपात

886

करनाल किस मंडल में आता है

करनाल स्वम एक मंडल हैं

करनाल के अधीन उपमंडल कितने है

3 करनाल, इंद्री ,असन्द
ये तीनो विधानसभा क्षेत्र भी है

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करनाल की तहसील
Karnal ki sima ko chhune wale jile


करनाल, इंद्री, घरौंडा, नीलोखेड़ी, असन्द ये 5 करनाल की तहसील और विधानसभा भी है



करनाल के पर्यटन स्थल
Karnal ki sima ko chhune wale jile

कर्ण जलासय ,
Karnal ka karn jlasay
ओएसिस उछाना,
चक्रवर्ती झील ,
Karnal ka kila
करनाल का किला( राजा गजपत ने 1764 में बनवाया ) ,

महर्षि वेदव्यास जिन्होंने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में महाभारत लिखी थी इनके ( महर्षि वेदव्यास के ) पिता प्रसार  ऋषि उनका आश्रम भलोरपुर ( क्राइम में) के अंदर है

हरियाणा का पहला सैनिक स्कूल कुंजपुरा ( करनाल )

कल्पना चावला विश्वविधालय( यह करनाल की बेटी थी )

सरकार ने अब इसका नाम बदलकर पंडित दिन दयाल उपद्याय कर दिया है

हरियाणा का पहला बागवानी विश्विद्यालय ये महान वीर महाराणा प्रताप के नाम  पर रखा गया ये अंजनथली ( करनाल ) में है

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान 

इसकी स्थापना 1923 में कर्नाटक के बंगलोर में हुई थी लेकिन इसको फिर 1955 में करनाले में सिफिट कर दिया गया था

राष्ट्रीय मिटी लवणता अनुसंधान संस्थान

 1969  मे इसकी स्थापना हुई थी यह भी करनाल में है

राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक ब्यूरो

 इसकी स्थापना 1985 में हुई यह भी करनाल में

राष्ट्रीय गेहूं और जो अनुसंधान संस्थान 

1978 में इसकी स्थापना हुई है अभी करनाल में गेहूं और जौ का जीन बैंक भी करनाल में

हरियाणा पुलिस अकैडमी 
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यह करनाल के मधुबन गांव में है 1977 मैच की स्थापना हुई
हरियाणा की पहली एनसीसी अकैडमी करनाल जिले में

 करनाल मनोहर लाल खट्टर का गृह जिला है


करनाल के प्रमुख मेले
Karnal ke parmukh mele , karnal ke mele

परासर का मेला यह तराइन में लगता है

छड़ी वाला मेला अमूलपुर में लगता है

बाबा सिमरन दास का मेला इंद्री में लगता है

उद्योग धंधा

लिबर्टी सबसे फेमस उद्योग धंधा है करनाल का

करनाल के प्रसिद्ध युद्ध
Karnal ke prasidh yudh, karnal ke yudh

1191 तराइन का पहला युद्ध मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ था
इसमें पृथ्वीराज चौहान की जीत हुई थी

1192 तराइन का दूसरा युद्ध हुआ और इसमें मोहम्मद गोरी की जीत हुई
मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हरियाणा के सिरसा जिले से पकड़ा गया था

1215 में तराइन का तीसरा युद्ध हुआ यालदोद और इल्तुतमिश के बीच हुआ यह दोनों मोहम्मद गोरी के गुलाम थे और इनमें इल्तुतमिश की जीत हुई

1206 में भारत में स्लेव वंश (दास)की स्थापना हुई 1206 से लेकर 1210 तक स्लेव वंश का शासक रहा फिर 1211 से लेकर 1236 तक अल्तुतविस का  शासन रहा

मोहम्मद गोरी अफगानिस्तान के गजनी से चलकर आया था
पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश का अंतिम शासक इसने 1177 से लेकर 1192 तक शासन किया था

मोहम्मद गोरी देश को लूटने आया था और लूट कर वापस चला जाया करता था 1206 में इसकी  मृत्यु हो गई

1739 का युद्ध जिससे करनाल का युद्ध बोला जाता है 


नादिरशाह और मोहम्मद सा रंगीला मोहम्मद शाह रंगीला (मुगल था) के बीच युद्ध हुआ इसमें नादिरसा की जीत हुई थी

इसके बाद नादिरशाह प्रसिद्ध तटाय ताउस ( मयूर सिंहासन) को छीनकर लेकर गया था मयूर सिहासन के उस पर प्रसिद्ध कोहिनूर का हीरा लगा हुआ था

मयूर सिंहासन मुगल वंश का एक शासक था सांझा ने यह बनवाया था

सांझा हवस का पुजारी था सांझा ने 8000 लड़कियां कैद कर रखी थी

13 साल की लड़की ने सांझा से शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया था तो फिर सांझा ने उस 13 साल की लड़की को तंदूर में बूँदवा दिया था


मयूर सिहांसन सांझा के समय मे बादल खान ने बनवाया था जब सांझा लखन अभियान के लिए गया था मिरज वर्मा को हराकर उसे कोहिनूर का हीरा प्राप्त किया था फिर उसने वह हीरा मयूर सिहासन में लगा दिया था नादिर शाह तटय ताउस और कोहिनूर हीरा दोनों उठाकर ले गया था

तटय ताउस यह सोने का बना हुआ था इसमें 100 किलो से ऊपर सोना लगा हुआ था उसके ऊपर उसने कोहिनूर का हीरा लगा हुआ था

करनाल ऑनलाइन जमा बंधी करने वाला हरियाणा का पहला जिला है

सखी सेंटर हरियाणा का पहला सखी सेंटर 31 मई2015 में करनाल के गांव छत्तीसगढ़ में बना था 


प्रमुख व्यक्ति
Karnal ke prasidh vyakti

कल्पना चावला

नवदीप सैनी यह भारतीय क्रिकेटर के प्लेयर आईपीएल में खेल चुके

लियाकत अली खान
 इसका जन्म करनाल में हुआ था और यह पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री था यह एक वकील था और पाकिस्तान में 4 साल 2 महीने 2 दिन का प्रधानमंत्री रह चुका है


बाबर ने 1526 में भारत में मुगल वंश की स्थापना की थी

बाबर के पिता का नाम उमरशेख वर्जा था
और मां का नाम कुतलुब मीनार







करनाल एक लोकसभा क्षेत्र भी है